आज पीसीआइ के जिला समन्वयक अभिषेक कात्यायन के द्वारा चतरा कॉलेज के बैचलर ऑफ एजुकेशन के छात्रों के बीच फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी गई।
पीसीआई जिला समन्यवक ने बताया की फाइलेरिया रोग संक्रमित मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है । यह गंदे पानी में पैदा लेती है। इस बीमारी से बचाव के लिए वर्ष में एक बार एमडीए/आईडीए कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इस कार्यक्रम में सभी योग्य व्यक्तियों को तीन तरह की दवा का सेवन दवा प्रशासक के द्वारा करायी जाती है । दो वर्ष से ऊपर के सभी को अल्बेंडाजोल की एक गोली, 2 से 5 वर्ष के व्यक्ति को 1 डीईसी की गोली,6 से 14 वर्ष के व्यक्ति को 2 डीईसी की गोली तथा 15 वर्ष से ऊपर के सभी को 3 डीईसी की गोली दी जाती है। तीसरी जो दवा है आइवरमैक्टीन उसको 5 वर्ष से कम उम्र वाले को नहीं दी जाती है । जिसकी उम्र 5 वर्ष हो गई है उसको डोज पोल की सहायता से माप कर गोली दी जाती है। इस दवा का सेवन 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाओं तथा वैसे वृद्ध व्यक्ति को नहीं करनी है जो शारीरिक रूप से अत्यधिक कमजोर हो गए हो।
दवा का सेवन खाली पेट नही करनी है। इस दवा के सेवन के बाद जिस किसी व्यक्ति के शरीर में इसके जीवाणु मौजूद होंगे उसे सर दर्द,बदन दर्द,बुखार,उलटी जैसा लगना या उल्टी का होना ये लक्षण नजर आ सकते है । यह दिखाता है की अब उसके अंदर का कृमि मार रहा है और यह स्वतः 24 घंटे में ठीक हो जाता है । इस कार्यक्रम को एनएसएस की प्रोग्राम ऑफिसर प्रोo शोभा कुजूर ने करवाया। इस कार्यक्रम में एचओडी बी.एड डॉo नंदकिशोर सिंह के साथ सभी शिक्षकगण उपस्थित थे।